पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में 12.5 करोड़ नौकरियां सृजित हुई हैं, जबकि 2014 से पहले के 10 वर्षों में केवल 2.9 करोड़ नौकरियां सृजित हुई थीं।
एसबीआई की रिपोर्ट में संकलित किए गए हैं, जिसे बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने तैयार किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-23 में सृजित नौकरियों की संख्या 2004-14 के दौरान सृजित 2.9 करोड़ नौकरियों से 4 गुना से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है, “अगर हम कृषि को छोड़ भी दें, तो विनिर्माण और सेवाओं में सृजित कुल नौकरियों की संख्या वित्त वर्ष 2014-23 के दौरान 8.9 करोड़ और वित्त वर्ष 2004-2014 के दौरान 6.6 करोड़ है।”
उद्यम पंजीकरण पोर्टल के आंकड़ों से पता चलता है कि एमएसएमई मंत्रालय के साथ पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) द्वारा रिपोर्ट किए गए कुल रोजगार ने 20 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है।
ईआरडी के विश्लेषण से पता चलता है कि 4 जुलाई तक, 4.68 करोड़ उद्यम-पंजीकृत एमएसएमई ने 20.19 करोड़ नौकरियों की सूचना दी, जिसमें जीएसटी-मुक्त अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों द्वारा 2.32 करोड़ नौकरियां शामिल हैं, जो पिछले साल जुलाई में 12.1 करोड़ नौकरियों से 66 प्रतिशत अधिक है।