जंगल में बाघ के विचरण और लगातार हमले से नामकुम प्रखण्ड के सुदुरवर्ती इलाकों के ग्रामीण बीते लगभग 2 माह से दहशत में हैं। सबसे पहले हुवांगहातु जंगल में बाघ दिखने का दावा किया गया था।
वहां आसपास कई मवेशी पर हमला कर मार दिया गया था। कई मवेशी के शरीर पर गहरा पंजा मारने का निशान भी पाया गया था। इसे लेकर वन विभाग एवं पुलिस-प्रशासन की टीम भी जंगलों में बाघ को ढूंढने का प्रयास किए लेकिन कुछ हासिल नहीं हो पाया।
डर से ग्रामीण सुर्य ढलते ही सभी अपने-अपने घरों में कैद हो जाते हैं। बच्चों को अकेले निकलने नहीं देते हैं यहां तक की स्कूल भी भेजना बंद कर दिए हैं। रविवार को हुवांगहातु से लगभग 10 किलोमीटर दूर लाली कुदागड़ा जंगल में तीन मवेशी मृत पाया गया। तीनों मवेशी के गरदन और शरीर के कई हिस्सों पर पंजे का निशान दिख रहा है। लोगों का कहना है कि बाघ दो की संख्या में है तभी इतना उत्पात मचा रहा है। इस घटना के बाद फिर से एक बार ग्रामीण क्षेत्र में दहशत फैल चुका है।