केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज चंडीगढ़ सचिवालय में आपराधिक न्याय तंत्र को बढ़ाने के लिए ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन सिस्टम का शुभारंभ किया। शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों को 21वीं सदी का “सबसे बड़ा” सुधार करार देते हुए कहा कि इनका उद्देश्य लोगों को न्याय दिलाना सुनिश्चित करना है। उन्हें नए आपराधिक कानूनों के तहत काम करने वाले इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) के विभिन्न स्तंभों और उनके एकीकरण का लाइव प्रदर्शन दिया गया। उन्होंने प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन और पुलिस को बधाई दी। गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत चंडीगढ़ पुलिस और एनसीआरबी के सहयोग से एनआईसी द्वारा विकसित चार नए ऐप का उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली को सुव्यवस्थित करना है, जो दक्षता और पारदर्शिता के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 1860 में एक विदेशी संसद द्वारा बनाए गए पिछले कानून अब 2024 में भारत के लिए प्रासंगिक नहीं हैं। आधुनिक तकनीक और पूरी तरह से स्वदेशी पर आधारित नए कानून अगले दशक में भारत में सबसे बड़े सुधारों में से एक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये कानून दंड-उन्मुख के बजाय न्याय-उन्मुख हैं। उन्होंने केंद्र में एनडीए सरकार की ताकत पर सवाल उठाने के लिए विपक्षी दलों की भी आलोचना की और कहा कि गठबंधन न केवल अपना कार्यकाल पूरा करेगा बल्कि 2029 में सरकार भी बनाएगा। शाह ने कहा कि चंडीगढ़ देश की पहली प्रशासनिक इकाई होगी जहां अगले दो महीनों में तीनों कानूनों का 100 प्रतिशत कार्यान्वयन पूरा हो जाएगा।