जलपाईगुड़ी : हर साल की तरह राजगंज के साहूडांगी में छिन्नमस्तक काली पूजा का आयोजन किया जा रहा है. काली पूजा का यह 43वां वर्ष है. आज शाम से पूजा शुरू हो जाएगी. लेकिन पुजारी नहीं, धामी स्थानीय भाषा में पूजा करते हैं. वह पूजा मुख्य काली पूजा के सात दिन बाद की जाती है।
छिन्नमस्तक काली पूजा राजगंज के साहूडांगी और पगलुपारा निवासियों ने संयुक्त रूप से की. पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि पहले एक पेड़ के नीचे पूजा होती थी। अब वहाँ एक स्थाई मन्दिर बनवाया गया है । प्रारंभ से ही पुजारी नहीं बल्कि समाज के धामी पूजा करते आ रहे हैं।
हर साल पूजा में 200 से अधिक बकरे और 1000 से अधिक कबूतरों की बलि दी जाती है। मन्नतें पूरी होने के विश्वास के साथ श्रद्धालु उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों से पूजा करने यहाँ आते हैं। इस पूजा के साथ-साथ जरूरतमंदों के बीच मच्छरदानी का भी वितरण किया जायेगा।