हर फिल्म के साथ कुछ नया सीखने की कोशिश करती हूं: भूमि पेडनेकर

साल 2015 में फिल्म ‘दम लगाके हईशा’ से अपने करिअर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’, ‘पति-पत्नी और वो’, ‘बधाई दो’ समेत कई फिल्मों में काम कर चुकी है। अब उनकी फिल्म ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ आई है, जिसमें वे एक पत्नी का किरदार निभा रही हैं। अपनी कई सारी फिल्मों में पत्नी की भूमिका निभा चुकीं एक्ट्रेस भूमि ने करिअर, अपनी आगामी फिल्म और अपने सामाजिक कार्य समेत अन्य विषयों पर खुलकर चर्चा की।

जी बिलकुल, क्योंकि एक एक्टर के लिए दर्शकों की स्वीकृति सबसे ज्यादा मायने रखती है। मैं अपनी बात करूं तो मैं हमेशा यही प्रार्थना करती हूं कि दर्शक मेरे काम को पसंद करें और उसे प्यार दे, इसलिए कहीं न कहीं हर फिल्म की रिलीज से पहले इस बात की चिंता तो होती है कि दर्शक इसे स्वीकार करेंगे या नहीं।
मैंने कई सारी फिल्मों में पत्नी का किरदार बेशक निभाया है, लेकिन केवल उसे ‘पत्नी का किरदार’ इस टैग से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। मेरे द्वारा निभाई गई ‘पत्नी’ के हर किरदार, उनका बैकग्राउंड और उनकी कहानी बेहद अलग रहे हैं। शादी से ज्यादा पेचीदा कोई रिश्ता होता ही नहीं है। ऐसे में ऐसे किरदारों के अलग-अलग शे होते हैं और इन अलग-अलग शे का हिस्सा बनने का मुझे मौका मिला है। मेरे लिए ये बेहद खुशी की बात है और जब तक मेरे पास ऐसे रोल्स आते हैं, मेरा केवल इतना प्रयास रहता है कि मैं उनमें उम्दा काम करती रहूं। मुझे टाइपकास्ट होने का बिलकुल भय नहीं।
जीवन में सबका अपना अलग सफर रहा है। जब मैंने यहां अपने करिअर की शुरुआत की थी, मेरे पास इतने लोग या इतना अनुभव नहीं था, जिसके कारण मेरा सही मार्गदर्शन हो सके। जब आपकी कुछ फिल्में हिट हो जाती हैं तो आपके इर्द-गिर्द बहुत सारे लोग आ जाते हैं। आपके काम और जीवन को लेकर लोग अक्सर कोई न कोई राय बना लेते हैं। लेकिन मैंने लोगों की ओपिनियन को अब सीरियसली लेना ही बंद कर दिया है और मानों उसे ब्लॉक कर दिया है। जो लोग मेरे जीवन में महत्व रखते हैं, मैं केवल उनकी बातों पर गौर करती हूं और उसकी कद्र करती हूं। हम सेलिब्रिटी होने के नाते अक्सर लोगों की नजरों में होते हैं और इसलिए हमें अपना हृदय मजबूत रखकर चलना होता है। आज सोशल मीडिया के जमाने में आपकी कोई भी बात गलत ढंग से ली जा सकती है और किसी के पास इतना समय नहीं कि वो बात की असलियत की जांच पड़ताल कर सके। फिल्म एक जरिया है, जिससे हम अपना अच्छा काम लोगों के बीच लाकर उनसे जुड़ सकते हैं।

वो मेरी असली पर्सनैलिटी है, क्योंकि मुझे पर्यावरण से प्रेम है। एक एक्टर बनने से पहले भी मैं पर्यावरण सुरक्षा के लिए काम करती रहती थी। अब एक एक्टर बनने के बाद मुझे वो प्लेटफॉर्म मिला है, जहां मैं बड़े पैमाने पर लोगों से जुड़कर उन्हें एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन को लेकर जागरूक कर सकती हूं। मुझे इस समाज और इस देश ने बहुत कुछ दिया है और ये मेरा तरीका है उसके प्रति आभार व्यक्त करने का। क्योंकि जितनी सेवा कर पाती हूं उससे 10 गुना ज्यादा मुझे वापस मिलता है।

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