भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 820 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत का वस्तु एवं सेवा निर्यात वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 820 अरब डॉलर को पार कर गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 778 अरब डॉलर के इसी आंकड़े से करीब 6 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। उभरते व्यापार परिदृश्य पर चर्चा के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री (सीआईएम) पीयूष गोयल द्वारा निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग निकायों के साथ यहां आयोजित बैठक में ये आंकड़े सामने आए। मंत्री ने लाल सागर संकट, खाड़ी क्षेत्र में फैल रहे इजरायल-हमास संघर्ष, रूस-यूक्रेन संघर्ष की निरंतरता और कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाओं में धीमी वृद्धि सहित कई बाधाओं के बावजूद निर्यात में सर्वकालिक उच्च उपलब्धि के लिए निर्यातकों की सराहना की। मंत्री ने निर्यातकों की उनके लचीलेपन और प्रयासों की सराहना की। सीआईएम गोयल ने निर्यातकों को पारस्परिक रूप से लाभकारी बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए अमेरिका के साथ चल रही चर्चाओं से भी अवगत कराया। वार्ता की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, जो फरवरी 2025 में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी बैठक में बीटीए पर सहमत होने वाले पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे। मंत्री ने निर्यातकों को आश्वासन दिया कि सरकार वैश्विक व्यापार वातावरण में हाल के बदलावों को सफलतापूर्वक नेविगेट करने में सक्षम बनाने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि देश सक्रिय तरीके से काम कर रहा है और ऐसे समाधान तलाश रहा है जो राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में हों। बीटीए पर काम करने वाली टीम सही मिश्रण और सही संतुलन तलाश रही है, और उन्होंने निर्यातकों से कहा कि वे घबराएं नहीं और वर्तमान परिदृश्य में उम्मीद की किरण देखें। उन्होंने आश्वासन दिया कि टीम देश के लिए सही परिणाम सुनिश्चित करने के लिए तेजी से काम कर रही है, लेकिन जल्दबाजी में नहीं। गोयल ने कहा कि विभिन्न देश टैरिफ लगाने के मामले में अलग-अलग तरीके से काम कर रहे हैं। हालांकि, जहां तक ​​भारत का सवाल है, विनिर्माण में वृद्धि और अतिरिक्त नौकरियों के सृजन की संभावना है क्योंकि यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बड़े खिलाड़ियों को आकर्षित कर सकता है क्योंकि भारत खुद को एक भरोसेमंद और विश्वसनीय भागीदार और एक पूर्वानुमानित व्यापार-अनुकूल गंतव्य के रूप में स्थापित करने में सक्षम रहा है। विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषदों ने वैश्विक व्यापार में उभरती चुनौतियों के मद्देनजर अपने विचार और दृष्टिकोण प्रस्तुत किए और सरकार से इन चुनौतीपूर्ण समय में निर्यात उद्योग को समर्थन देने के लिए सक्रिय कदम उठाने का अनुरोध किया। बैठक में निर्यात संवर्धन परिषदों, उद्योग निकायों और वाणिज्य एवं संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों ने भाग लिया।

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