फुटपाथों और सड़कों पर विक्रेताओं द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण की समस्या को हल करने के उद्देश्य से कोलकाता नगर निगम (केएमसी) गुरुवार दोपहर से अपना डिजिटल हॉकर्स सर्वे शुरू करने जा रहा है। यह सर्वे अगले 15 दिनों तक चलेगा। डिजिटल सर्वे दो दौर के मैनुअल सर्वे के बाद किया जा रहा है, जिसमें शहर के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर लगभग 11 हजार 700 हॉकर्स की पहचान की गई है। अब डिजिटल सर्वे का उद्देश्य स्थिति की अधिक प्रामाणिक तस्वीर प्राप्त करना और केएमसी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी 16 बोरो में हॉकिंग और नो-हॉकिंग क्षेत्रों को अलग-अलग करना है।
पिछले महीने निगम और कोलकाता पुलिस द्वारा अवैध रूप से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे हॉकर्स को हटाने के लिए एक अभियान शुरू किया गया था। हालांकि, समाज के विभिन्न वर्गों की आलोचना के बाद इस बेदखली अभियान को रोक दिया गया और यह निर्णय लिया गया कि अवैध रूप से संचालन कर रहे विक्रेताओं की पहचान के लिए एक विस्तृत हॉकर्स सर्वे किया जाएगा। केएमसी के सूत्रों ने बताया कि इस सर्वे को प्रबंधक और सहायक प्रबंधकों के पद के अधिकारियों के नेतृत्व में निगम के 657 कर्मचारियों की टीम द्वारा संचालित किया जाएगा।
सर्वे की सुचारू और शीघ्रता से पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए 657 कर्मचारियों को कई टीमों में विभाजित किया जाएगा। 27 जून को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सचिवालय में घोषणा की थी कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बेदखल किए गए हॉकर्स को व्यवसाय के लिए वैकल्पिक स्थान प्रदान किया जाए और यदि आवश्यक हुआ तो पश्चिम बंगाल सरकार उनके लिए गोदामों की व्यवस्था करेगी। उन्होंने तब कहा था, कि लेकिन किसी भी परिस्थिति में राज्य सरकार सार्वजनिक सड़कों पर हॉकर्स को अतिक्रमण करने की अनुमति नहीं देगी।