भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को तालिबानी मानसिकता वाली पार्टी करार दिया है। इसके साथ ही संदेशखाली में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर कांग्रेस की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि टीएमसी का मतलब ‘तालिबानी मानसिकता और संस्कृति’ है। पश्चिम बंगाल पुलिस और सरकार ने संदेशखाली मामले में मुख्य आरोपित शेख शाहजहां को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाए। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी पूछा था कि पश्चिम बंगाल सरकार उन्हें बचाने पर क्यों तुली हुई है। कोर्ट की इस टिप्पणी से साफ पता चलता है कि टीएमसी ‘तालिबानी मुझे चाहिए’ के पक्ष में है और तुष्टीकरण की राजनीति में विश्वास करती है।
शहजाद पूनावाला ने पश्चिम बंगाल में महिला उत्पीड़न की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हावड़ा के डोमजूर में परिवार की महिला को बेरहमी से पीटा गया, कैंची से बाल काटे गए। इस घिनौने कृत्य को अंजाम देने वाले आरोपित ईशा लश्कर, अबुल हुसैन लश्कर, सईम लश्कर, मकबुल अली, इसराइल लश्कर, अरबाज लश्कर और महेबुल्लाह मिद्दे टीएमसी पार्टी से करीबी तौर पर जुड़े हुए हैं। कूच बिहार से चोपड़ा तक अरियादाहा से डोमजूर तक महिलाओं की पीड़ा जारी है। इसके साथ तेलंगाना में एक गरीब महिला को बिजली के खंभे से बांधकर बुरी तरह पीटा गया लेकिन कांग्रेस इन सभी घटनाओं पर चुप है। “लड़की हूं लड़ सकती हूं” ब्रिगेड प्रियंका, राहुल गांधी इस मामले में चुप हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी संदेशखाली की घटना और स्वाति मालीवाल मारपीट मामले पर चुप थी। आज भी वे हावड़ा और तेलंगाना में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं पर चुप हैं।