भागलपुर , कोसी और सीमांचल के जिलों में एक बार फिर नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। इससे दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। सुपौल जिले में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से सदर प्रखंड की बेरिया पंचायत के मुंगरार, घूरन, दिधिया, दुबियाही आदि गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है। वहीं किशनपुर प्रखंड के मौजहा वार्ड 4, दुबियाही और सरायगढ़- भपटियाही प्रखंड के ढोली, बनेनिया बलथरवा, कटैया, भूलिया, वैसा, झहुरा, करहरी, मोरा, सनपतहा सहित अन्य गांव में पानी फैल गया है। इधर अररिया में पलासी प्रखंड होकर बहने वाली बकरा नदी के उफनाने से धर्मगंज और पिपरा बिजवार पंचायत के आधा वर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी कल गया है। बकरा नदी के जल स्तर बक्सर में गंगा उफान पर लोग सहमे बक्सर।
गंगा के बढ़ते जलस्तर ने. जिलेवासियों को डराना शुरू कर दिया है। गंगा के उफान को देखते हुए एक्सपर्ट द्वारा कयास लगाये जा रहे हैं कि गंगा का पानी यदि इसी तरह लगातार बढ़ता रहा तो देर रात तक चेतावनी बिंदु को पार कर लेगा। केंद्रीय जल आयोग के जेई प्रशांत चौरसिया के अनुसार, गुरुवार की शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 59.29 मीटर दर्ज किया। जो कि चेतावनी बिंदु से मात्र 3 सेंटीमीटर की दूरी पर है। बढ़ने से धर्मगंज, सोहदी, भाटाबाड़ी, पिपड़ा बिजवार, छपनिया, जहानपुर, ओलाबाड़ी के निचले इलाकों में फैल रहा है। इस कारण लोगों में भय का
भोजपुर में खतरे के निशान के करीब आरा। भोजपुर में गंगा नदी गुरुवार की शाम तक खतरे के निशान के करीब पहुंच गई। बड़हरा में जलस्तर 52.80 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से सिर्फ 28 सेंटीमीटर कम है। कई जगहों पर खेतों में खड़ी भदई फसल डूब गई है। बुधवार की शाम छह बजे तक जलस्तर 52.25 मीटर पर था। गुरुवार की सुबह छह बजे 52.69 मीटर दर्ज किया गया। इस तरह रात भर में 44 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई, लेकिन दिन में पांनी बढ़ने की गति कम हो गई। खगड़िया जिले में गुरुवार को गंगा, गंडक कोसी व बागमती सहित चारों नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई।